Zindegi

Thursday, January 19, 2012

ज़िन्दगी दोस्तों में मिला करती है ,


पर यह दोस्त भी अजीब होते है .


देने पे आए तो जान देदे , लेने पे आए तो हंसी तक छीन ले .


कहने पर आए तो दिल के तमाम राज़ कह दे , छुपाने पे आए तो यह तक न बताये की खफा क्यों है .


नाराज़ होने पर आए तो सांस तक न लेने दे , मानाने पर आए तो अपनी साँसों को वार दे .


सच तो यह है की असली दोस्त ज़िंदगी में नहीं मिला करते , बल्कि असली ज़िन्दगी दोस्तों में मिला करती है 

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